सेहत पर सवाल: जिले में मिठास को सेहतमंद बनाने नियम फीके पड़े दुकानों में मिठाई पर एक्सपायरी डेट नहीं
भागवत दीवान
कोरबा :- मार्च माह में होली त्यौहार है। इस दौरान तरह-तरह की मिठाईयां इन त्यौहारों में मिठास घोलेगी। इनसे हमारी सेहत सुरक्षित रहे, इसके लिए केन्द्र सरकार ने नियम बताया था कि दुकानों में हर तरह की मिठाई की ट्रे पर उसके बनने और एक्सपायर होने की तारीख जरूर लिखी जाए। इसका पालन नहीं हो रहा है। एकाध दुकानों को छोड़ दिया जाए तो जिले में किसी भी दुकानों में मिठाई के साथ एक्सपायरी नहीं रहती। केवल दाम लिखे रहते हैं।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अर्थारिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने 2020 में प्रावधान किया था कि मिठाई विक्रेताओं को काउंटर में रखी मिठाई की एक्सपायरी डेट लिखना अनिवार्य होगा। यह इसलिए ताकी उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता की मिठाई मिल सके। व्यापारी एक्सपायरी डेट गलत न लिखे इसके लिए दुकानों व उनके किचन का खाद्य सुरक्षा अधिकारी औचक निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा तारीख गलत लिखने जैसी शिकायतों की जांच खाद्य पदार्थ के सैंपल टेस्ट में होगी। इस नियम का सबसे बड़ा फायदा यह बताया गया कि कई दिन पुरानी मिठाई बेचना संभव नहीं होगा। खुले रूप से एफएसएसएआई ने नियम नहीं मानने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई का भी प्रावधान किया। इसमें पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। शहर के अधिकांश दुकानों में इसका पालन नहीं हो रहा है। कई दुकान संचालक पिछले त्यौहार सीजन में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के निरीक्षण के डर से दो चार दिन ही लगाकर खानापूर्ति किया गया था। इसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी शांत हो गए तो सभी दुकान संचालक फिर से नियम कानून को भूल गए और पुराने ढर्रे पर आ गए हैं। अब किसी भी दुकान में मिठाई में निर्माण तिथि व एक्सपायरी का उल्लेख नहीं किया जा रहा है।
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स्टीकर निकालने व चिपकाने का झंझट
इस संबंध में दुकानदारों के सामने हर रोज स्टीकर लगाने व निकालने का झंझट है। दुकानदारों ने बताया कि मिठाईयों की एक बड़ा रेंज होती है इस पर बार-बार तारीख बदलना मुश्किल होगा, चूकि दुकान छोटी होती है, कर्मचारी भी कम होते हैं। वैसे भी लोग खरीदने आते हैं तो उसको बता ही देते है कि मिठाई कितने दिन तक खराब नहीं होगी। लेकिन यह नियम पूरी तरह से फॉलो हो गया तो उपभोक्ताओं को बहुत हद तक फायदा मिलेगा।